दबंग प्रधान ने किया गरीब मजदूरों की जमीन पर अवैध कब्जा…. गरीब मजदूर लाचार … आत्महत्या करने को तैयार….

दबंग प्रधान ने किया गरीब मजदूरों की जमीन पर अवैध कब्जा….

गरीब मजदूर लाचार …

 आत्महत्या करने को मजबूर….

जनपद महोबा, तहसील, परगना व कोतवाली (थाना)- कुलपहाड़ के अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत सतारी के दबंग ग्राम प्रधान ( संदीप पान्डे )ने गरीब मजदूरों व ग्राम पंचायत की जमीन पर अवैध रूप से कब्जा कर गरीब मजदूरों को जान से मारने की दी धमकी….
 मजदूर अपनी शिकायत लेकर पहुंचे जिलाधिकारी कार्यालय…..
जिलाधिकारी के आदेशों की तहसीलदार साहब द्वारा की गई अवहेलना….
 तहसीलदार साहब व लेखपाल मजदूरों को चुप कराने का प्रधान जी से कर चुके सौदा…..
गरीब मजदूर दर दर ठोकरें खाने को हुए मजबूर…
न्याय गरीबों की पहुंच से कोसों दूर…
मामला कोतवाली थाना कुलपहाड़ क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले ग्राम सतारी का है जहां पर दबंग प्रधान संदीप पांडे ने गरीब मजदूरों( हरनारायण कुशवाहा , धनपत कुशवाहा,करन सिंह व देवीदीन कुशवाहा) की पैतृक जमीन जोकि सतारी मौजा की भूमिधर गाटा संख्या 521 रकवा 0.429 पर 20×6=120 वर्ग फुट पर अवैध रूप से कब्जा कर लिया। जिसकी शिकायत करने मजदूर सपरिवार तहसीलदार कार्यालय, एवं जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचे…
न्याय व्यवस्था को चुस्त दुरुस्त रखने के लिए जिलाधिकारी महोदय ने तहसीलदार साहब को मौका मुआयना करने का आदेश दिया…
साहब भी आनन फानन में घटना स्थल पर पहुंचे और मुआयना करने को तैयार हुए.. किन्तु प्रधान जी की मिठाई प्राप्त होते ही मजदूरों को चुप रहने का फरमान जारी कर दिया…….
इस प्रकार फरमान सुनते गरीब मजदूर कलेजा थाम कर रह गए… यहां तक की लेखपाल महोदय की बातों ने गरीब एवं असहाय मजदूरों के दिल को छलनी कर दिया….
प्रधान जी ने गिरगिट की तरह रंग बदल कर आला अधिकारियों को मिठाई भेंट की और सिर्फ अपनी ही बात प्रस्तुत की जबकि गरीब मजदूरों की एक भी नहीं सुनी गई… प्रधान जी ने अपना उल्लू सीधा करने के लिए साहब की बड़ी खातिरदारी की और साहब ने भी अपनी खिचड़ी अलग पकाते हुए यह बोलते हुए मामला टाल दिया की नक्शा ऑफिस में ही भूल आए…. न्याय के लिए दरबदर ठोकरें खाते गरीब मजदूरों के लिए या पैतृक जमीन अंधे की लाठी ही एकमात्र सहारा थी…
गरीब मजदूर लगभग 20 वर्षों से अपने परिवार का भरण पोषण एवं रोजी-रोटी कमाने के लिए अपने परिवार सहित मजदूरी करने दिल्ली में रहते थे और उनकी पैतृक जमीन जिस पर सिंचाई का उपयुक्त साधन नहीं था उस पर ग्राम प्रधान द्वारा दबंगई के साथ कब्जा कर लिया गया इस पर मजदूरों ने प्रधान जी से अनुनय विनय कर जमीन छोड़ने का आग्रह किया तो प्रधान जी ने यह कहकर लताड़ दिया की मेरे सामने से हट जाओ और जमीन को भूल जाओ वरना जान से हाथ धो बैठोगे और जिस किसी को भी कहना हो कह दो जहां तक तुम्हें जाना हो चले जाओ चाहे योगी और मोदी खुद ही क्यों ना हो।
इस प्रकार बर्बरता बरतने वाले दबंग एवं भ्रष्ट प्रधान पर कानूनी कार्यवाही करने से आला अधिकारी भी चुप्पी साधे हुए हैं…
एक ओर डबल इंजन की सरकार जो अतिक्रमण एवं अवैध कब्जा पर बुलडोजर चला रही है तो वही इस प्रकार के भ्रष्ट प्रधान और आला अधिकारी मिलकर अपनी अपनी खिचड़ी पका रहे और गरीब आत्महत्या को मजबूर हो रहे इस संबंध में प्रार्थी ने जनसुनवाई पोर्टल ऐप के माध्यम से मुख्यमंत्री को शिकायती पत्र भेजा तथा एक लिखित पत्र मुख्य सचिव आयुक्त लखनऊ को भी भेजा इन सबके बावजूद भी आज यह परिवार अपनी बर्बादी का तमाशा देख आत्महत्या की कगार पर खड़ा है और ये अधिकारी तमाशा देखने के लिए कतार में खड़े हैं मानो मदारी का खेल दिखाया जा रहा है…
किंकर्तव्यविमूढ़ अधिकारियों की भ्रष्ट ता देख गरीबों के सर पर मानो आकाश टूट पड़ा।
     खबर महोबा संवाददाता दिनेश राजपूत की रिपोर्ट
KHABAR MAHOBA News

Related Post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *