अजगर करे न चाकरी ,पंछी करे न काम …!!!दास मलूका कह गए सबके दाता राम..!!!

गोवंश तड़प तड़प कर मरने को हो रहा मजबूर,…. 

प्रशासनिक कार्यप्रणाली कोसों दूर..…..

“विप्र धेनु सुर संत हित लीन्ह मनुज अवतार…..”

गोस्वामी तुलसीदास जी द्वारा रचित श्रीरामचरितमानस में सभ्य मानव समाज की अमूल चूल परिवर्तन एवं सांस्कृतिक विरासत देखने को मिलती है, गोस्वामी तुलसीदास जी ने बताया कि जब भी गोवंश पर, ब्रह्मणों पर, देवताओं पर एवं संत जनों पर भारी विपदा आती है तब स्वयं श्रीमन्नारायण अवतार लेकर पृथ्वी पर आते हैं….. और सभ्य मानव समाज की स्थापना करते हैं ,जो परोपकारी और मानव समाज के हित में होता है… तथा मानव समाज को परोपकारी एवं समाज के हित के लिए हितकारी बनाते हैं…

वहीं दूसरी ओर आज कलयुग के इस चरण में गोवंश पर जगह जगह पर अत्याचार हो रहा है। आज गोवंश मारा मारा फिर रहा है लेकिन सभ्य मानव समाज इंसानियत की सारी हदें पार कर अपने तक ही सीमित रह गया है….!!!???

हम चर्चा कर रहे हैं आज के सभ्य समाज की!!! ऐसा ही उदाहरण जनपद महोबा के कस्बा थाना क्षेत्र कुलपहाड़ के किशोरगंज इलाके का है जहां पर एक गोवंश गर्भावस्था के दौरान वृद्ध एवं बीमार अवस्था में बीते कुछ दिनों से ब्राह्मणों के मुहाल में पड़ा हुआ है जिस पर किसी भी इंसान ने इंसानियत नहीं दिखाई वह मरने की कगार पर तड़पता यमराज की प्रतीक्षा कर रहा है…

कुछ व्यक्तियों ने इसकी सूचना प्रशासन के अधिकारियों को दी तो उनका कहना है कि “”जब वह गाय मर जाएगी तब हम फिकवा देंगे …!!!””

इस विषय की जानकारी जब पत्रकार बंधुओं को हुई तो उन्होंने ग्राउंड जीरो पर जाकर के पड़ताल की और डॉक्टर को दूरभाष यंत्र पर सूचना देकर के मौके पर बुलाया और गाय का इलाज कराया…

इस विषय में पत्रकार बंधुओं ने वहां के कुछ निवासियों से बातचीत की और इसकी जानकारी प्राप्त की…

इस विषय में वहां के मूल निवासियों ने बताया कि प्रशासन के अधिकारी आकर मुआयना कर बिना इलाज करवाए चले गए और कह कर गए कि जब गाय मर जाए तो सूचना दे देना हम फिकवा देंगे…???!!!

“आज के ऐसे सभ्य समाज कि मैं निंदा करता हूं “,जो सारी हदें पार कर एक असहाय प्राणी की सहायता करने की वजाय उसके मरने के इंतजार की आस लगाए बैठे हैं… 

 आज का यह समाज अपने आप को शब्द और गुणवान कहता है जो सामाजिक रूप से बिल्कुल शून्य है…

ब्यूरो रिपोर्ट

खबर महोबा

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