गांव हो या शहर, कुदरत का बरपा कहर

By khabarmahoba.in Sep 17, 2022

KHABAR MAHOBA News
गांव हो या शहर ..!,मूसलाधार बारिश का कहर……!!!!!!

नमस्कार साथियों आप जुड़े हैं खबर महोबा के साथ ….!!!

जो जनपद के जन जन की आवाज आप सभी तक पहुंचाने में अग्रणी है….

यूं तो आप सभी सर्दी के सितम और बारिश के कहर के आंखों देखे हाल से भलीभांति परिचित होंगे…

सर्द मौसम के दौरान अनेकों घटनाएं सामने आती रहती हैं वैसा ही मामला बरसात के मौसम में देखने को मिलता है कहीं बाढ़ जैसे हालात होते हैं तो कहीं नदियां उफान पर होती हैं…

ग्रामीण किसान हर समय किसी ना किसी मुसीबत से जूझते रहते हैं…

सरकार भी कभी-कभार ही इनके विकास के लिए जमीनी स्तर पर कार्य करती है..!!!

चुनाव के वक्त अपनी रोटी सेकने के लिए बड़े बड़े वादे कर सिर्फ आग को भड़का दिया जाता है कि आपका भी विकास होगा लेकिन हकीकत आपके सामने है…!!!???

सरकार ने कितना विकास किया उसका आंखों देखा हाल सभी के सामने प्रतिदिन सामने आता रहता है…!!!????????

ऐसा ही मंजर जनपद महोबा के विकासखंड चरखारी के अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत चंदौली का है जहां पर मूसलाधार बारिश होने की वजह से गरीब किसानों की फसलों के साथ-साथ कच्चे मकान भी ध्वस्त हो गए…

गरीब किसान नाम मात्र जमीन होने के कारण मजदूरी कर अपने परिवार का भरण पोषण करते थे इसी मजबूरी में अपने बच्चों का पालन पोषण तथा दैनिक खर्चे से युक्त जीवन चल रहा था किन्तु दैवीय आपदाओं से कौन बच सकता है..???

मूसलाधार बारिश के कारण ग्राम चंदौली के गरीब मजदूर किसानों के कई मकान ध्वस्त हो गए लेकिन कोई भी अधिकारी मुआयना करने तक नहीं गए..!!!

ये गरीब मजदूर किसान दर दर की ठोकर खाने को मजबूर होते नजर आ रहे हैं… इनकी ना तो सरकार को परवाह है ना ही आला अधिकारियों को.. सभी कागज़ी कार्यवाही करने को मशरूफ हैं…!!!

एक बुजुर्ग गरीब मजदूर किसान दंपति जो अपने परिवार का भरण पोषण करने के लिए कच्चे मकान में निवास करता है और अपने परिवार के खर्च को वहन करने के लिए निजी मजदूरी के पैसे से बकरी पाल कर जीवन यापन कर रहे थे उसको भी दैवीय आपदा के प्रकोप का सामना करना पड़ा…

मूसलाधार बारिश के कारण कच्चा मकान ध्वस्त हो गया जिस कारण उसकी सारी गृहस्थी नष्ट हो गई बूढ़े बुजुर्ग दंपत्ति जो एक दूसरे का सहारा थे दाने-दाने को मोहताज हो गए…

10 बकरियों में से 5 बकरियों की मकान में दबने से मौत हो गई तो वहीं दंपत्ति रहने के लिए लाचार, बेबस बेसहारा हो पड़ोसियों के यहां सहारा लेने के लिए मजबूर हो गए…

ऐसे गरीब मजदूर किसानों के मसीहा कहलाने वाले मोदी और योगी सरकार के वरिष्ठ नेता भी गरीब के घर सांत्वना देने नहीं पहुंचे और ना ही सरकारी योजनाओं का कोई लाभ पहुंचाया…

गरीब मजदूरों का कोई सहारा नहीं बन सका वहीं दूसरे मजदूर किसान की पत्नी अपने 7 बच्चों के साथ कच्चे मकान में रह रही थी पति मजदूरी करने बाहर शहर में जाता और परिवार के भरण-पोषण के लिए अपनी आय का कुछ हिस्सा अपने परिवार को देता लेकिन कुछ दिनों से पति की बीमारी के चलते परिवार का भरण पोषण नामुमकिन सा नजर आता है,इसी वक्त मूसलाधार बारिश की वजह से कच्चा मकान क्षतिग्रस्त हो गया….

मजदूर किसानों को कोई भी सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिलता क्योंकि सरकारी आवास या अन्य सरकारी योजनाओं का लाभ पाने के लिए इनके पास अधिकारियों को रिश्वत खिलाने की क्षमता नहीं है..!!!!

ब्यूरो रिपोर्ट

खबर महोबा

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