गोरखा, महोबा। प्रधान व प्रधान प्रतिनिधि एवं सचिव ने सफाई अभियान के नाम पर आई रकम को मिलकर खत्म कर दिया। इतना पैसा बर्बाद होने के बाद भी गांव में अव्यवस्थाओं का बोलबाला।
बताते चलें मामला ग्राम गोरखा विकासखंड चरखारी जनपद महोबा उत्तर प्रदेश का है जहां गांव में चारों तरफ अव्यवस्थाओं का बोलबाला है। कहते है जब शेर के सिंहासन पर गधे को बिठा दिया जाएं तो उस जगह को मनहुशियत छाने लगती है। प्रजा तो दुखी रहती ही है साथ में गधे को समझाने वाले भी दुःखी हो जाते है। यही हाल है गोरखा गांव का प्रधान के भ्रष्ट होने के कारण तथा दबंग होने के कारण गरीबों को न्याय न मिलना तथा गांव के इज्जतदार लोगों को दबाने की कोशिश तथा मनमाने ढंग से ग्राम प्रधान बालकिशन अहिरवार प्रधानी कर रहे हैं। तथा सफाई अभियान में आई रकम को प्रधान व अधिकारिक वर्ग बगैर सफाई करवाएं डकार गए हैं। जगह-जगह गंदगी का अंबार गांव में दिखाई दिया एवं पंचायत भवन के विषय में भी कई अनियमितताओं को लेकर मीडिया कर्मियों को बताया तथा आवास के लिए कई गरीब पात्र होते हुए भी रोते देखे गए हैं एवं गांव में कई अव्यवस्थाओं का बोलबाला पाया गया है। जब प्रधान से इस विषय में तहसील परिसर चरखारी में मुलाकात होने पर गांव गांव की खबर के ब्यूरो जतन यादव व अन्य मीडिया कर्मियों ने जानकारी चाही तो प्रधान ने कैमरे पर आने से साफ मना कर दिया। और भागते हुए नजर आए, ऐसे गैर जिम्मेदार प्रधानों पर अधिकारिक वर्ग कड़ी कार्यवाही क्यों नहीं करता तथा ऐसे प्रकरण संज्ञान में क्यों नहीं लेते। यह एक सोचने वाली बात है। देखते हैं इस खबर का आधिकारिक वर्ग पर क्या नजरिया बनता है यह एक जांच का विषय है जो समय पर निर्धारित करता है।