KHABAR MAHOBA News “देश के भविष्य से खिलवाड़ करने वाले प्रधानाचार्य (वर्तमान ब्लॉक प्रमुख प्रतिनिधि)कर रहे विद्यार्थियों के भविष्य को चौपट”….
गुरूर्ब्रम्हा गुरुर्विष्णुर्गुरुर्देवो महेशवरा,
गुरूर्साक्षात्परब्रम्ह तस्मै श्री गुरुवे नमः।।
जहां कवियों ने गुरू को ईश्वर से बढ़ कर माना है वहीं गुरु रूपी राजनेता देश के भविष्य से खिलवाड़ कर रहे हैं….
हिंदी जगत की एक मशहूर कहावत सच साबित नजर आ गई…..
“सैया कोतवाल तो डर काहे का”…!!
इस मशहूर कहावत का हिंदी साहित्य जगत में साहित्यकारों ने व्यंग्यात्मक लहजे में.. समाज के सामने किसी विशेष व्यक्ति की कार्यशैली का उसी व्यक्ति द्वारा सही ढंग से जिम्मेदारी पूर्वक काम न करने और अपनी जिम्मेदारी से भागने पर टिप्पणी की है…
ऐसा ही मामला जनपद महोबा के विकासखंड चरखारी के अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत जरौली के ग्राम उजनेड़ी,दमदमा स्थित पूर्व माध्यमिक विद्यालय का है…
ग्राम पंचायत जरौली के अंतर्गत आने वाले , ग्राम उजनेड़ी- दमदमा में स्थित पूर्व माध्यमिक विद्यालय के प्रधानाचार्य महोदय श्रीमान जयराम कुशवाहा जी (जो वर्तमान ब्लाक प्रमुख सीमा कुशवाहा के पति हैं) एक शिक्षक बतौर विद्यालय में कार्यरत हैं, किंतु महोदय के समक्ष जिम्मेदारियां होते हुए निभाने का कोई जिम्मा नहीं है…
इस विद्यालय में केवल दो अध्यापक नियुक्त हैं एक स्वयं ब्लॉक प्रमुख प्रतिनिधि जयराम कुशवाहा जी और दूसरे पुष्पेंद्र सिंह जी…
यह दोनों ही अध्यापक कभी भी विद्यालय में वक्त पर नहीं पहुंचते जिस कारण विद्यालय के छात्रों के शिक्षा का स्तर अत्यंत निम्न होता जा रहा है …
‘शिक्षा ही विकास की जननी है’,…
इस संदर्भ में विद्यालय की रूप रेखा तैयार होनी चाहिए जबकि यहां उल्टी गंगा बह रही है….
“सरस्वती के भन्डार की बड़ी अपूरब बात,ज्यों खर्चे त्यों त्यों बढ़े बिन खर्चे घट जात,”…!!!!!
इन पंक्तियों का विद्यालय की दीवार पट्टिका पर अंकित होना बच्चों को शिक्षा की ओर प्रेरित करता है…
किंतु शिक्षार्थियों का कहना है कि प्रधानाचार्य महोदय जी की पत्नी जब से राजनीति में सक्रिय हुईं तब से सत्ता के दबदबे के कारण अपनी मनमानी पूर्वक महीनों में कभी-कभार ही आना होता है…
बीते चुनाव के वक्त से महोदय विद्यालय छोड़ राजनीति में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं और विद्यार्थियों के भविष्य से खिलवाड़ कर रहे हैं….
यहां तक की ब्लाक प्रमुख महोदया जी के पति के पास मिड डे मील से संबंधित दायित्व भी है, किंतु महोदय जब आएंगे तभी मीनू के अनुसार मिड डे मील का भोजन तैयार हो सकता है….
आज के दौर में एक ओर जहां बालक बालिका की शिक्षा हेतु सरकार द्वारा अनेकों योजनाएं जैसे स्कूल चलो अभियान आदि के द्वारा शिक्षार्थियों और अभिभावकों को जागरूक कर अपने बच्चों को विद्यालय में भेजने के लिए प्रेरित किया जाता है तो वहीं सरकार की सत्ता पक्ष के ब्लाक प्रमुख के पति अपने दायित्व का निर्वहन करने में असफल सिद्ध होते नजर आ रहे हैं और बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं…
विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चों ने बताया कि पुष्पेंद्र सिंह जी तो कभी- कभार लेट- लपाट आ ही जाते हैं, क्योंकि उनके पास बी.एल.ओ. का कार्य भी है जिस कारण महोदय अपने शिक्षा सत्र के दौरान डबल इंजन सरकार के डबल कार्य हेतु शिक्षण कार्य छोड़ कर पंचायत में बीएलओ का दायित्व का निर्माण करने के लिए अग्रसर हो जाते हैं…
विद्यार्थियों का कहना है कि प्रधानाचार्य महोदय, विद्यालय में ना तो कभी समय से उपस्थित होते हैं और ना ही शिक्षण कार्य पर ध्यान देते हैं, मिड डे मील के भोजन में कभी भी मीनू के अनुसार भोजन बनता है और न कभी मीनू के अनुसार दूध,फल, और हरी मौसमी सब्जियों को बनाया जाता है…
प्रधानाचार्य महोदय अपनी प्रधानाचार्यी छोड़कर केवल ब्लॉक प्रमुख प्रतिनिधि के तौर पर राजनीति करते रहते हैं और सत्ता के पद का दुरुपयोग करते हैं और विद्यार्थियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं…
वहीं पर मिड डे मील के भोजन को बनाने के लिए नियुक्त महिला बताती है कि प्रधानाचार्य महोदय आए दिन चावल ही बनाते रहते हैं… और 1500₹ तनख्वाह में दिन भर विद्यालय में उपस्थित रहने का हुक्म देते हैं….
विद्यार्थियों का कहना है कि दोनों अध्यापक जब कभी आते हैं तो अपनी हाजिरी रजिस्टर पर अंकित कर देते हैं जबकि “हमें घंटों तक ताला खोलने के इंतजार में सड़क के किनारे बैठना पड़ता है”… और शिक्षण के दौरान दिए गए गृह कार्य और कक्षा कार्य का कभी भी निरीक्षण नहीं किया जाता है…
अब देखना है कि सत्ता के मद में चूर सत्ताधारी ब्लाक प्रमुख महोदया के पतिदेव के खिलाफ ईमानदार एवं वरिष्ठ अधिकारी अपनी क्या राय प्रस्तुत करते हैं….
ब्यूरो रिपोर्ट
खबर महोबा