India इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदेश की ग्राम पंचायतों में पंचायत सहायक/लेखा सह डाटा इंट्री ऑपरेटरों की भर्ती के लिए 25जुलाई को जारी शासनादेश की वैधता की चुनौती याचिका पर सरकारी अधिवक्ता से एक हफ्ते में जानकारी मांगी है। याचिका की सुनवाई हाईकोट में 20अगस्त को होगी। यह आदेश न्यायमूर्ति एम सी त्रिपाठी ने जौनपुर के देवी प्रसाद शुक्ल की याचिका पर दिया है।
याचिका में मांग की गई है कि 6हजार रूपये प्रतिमाह मानदेय पर पिछले 15साल से समान पद पर कार्यरत 37हजार ग्राम रोजगार सेवकों को समायोजित किया जाए या पंचायत सहायक भर्ती में आयु सीमा में छूट के साथ कार्य अनुभव की वरीयता देकर चयनित कर नियुक्ति की जाए
याची का कहना है कि समान पद पर उनका कार्य संतोषजनक है । शासनादेश में अनुभव को वरीयता देने की व्यवस्था नहीं की गई है।ऐसा करना मनमानापूर्ण और शक्ति का दुरूपयोग है।
इस भर्ती से याचियों की सेवा की अनिश्चितता बनी रहेगी।नई भर्ती में भाई भतीजावाद और भ्रष्टाचार का रास्ता बनेगा।अनुभवी बाहर कर दिए जायेंगे। कोर्ट याचियों के हितों की रक्षा के लिए हस्तक्षेप करे।
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