*महोबा जिंदगी और मौत से झूल रहे हैं आमरण अनशनकारी* —
महोबा। जिला अधिकारी कह रहे हैं 20 तारीख के बाद सुनेंगे पीड़ित की फरियाद क्या होगा राम जाने अनशन कारी की हालत हुई गंभीर अनशन का 23 वाँ दिन बुंदेलखंड की धरती पर एक अधेड़ पिता न्याय के लिए शमशान में तोड़ेगा दम! दोहरे हत्याकांड में नहीं मिला न्याय!
समाजसेवी व पत्रकार का आज शमशान में 23वां दिन आमरण अनशन दोहरे हत्याकांड नहीं मिला न्याय ! इसके बाद प्रशासन ने अनशन कारी को श्मशान घाट से उठाकर जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया जिसको लेकर जिला अस्पताल में अनशन का आज पांचवा दिन है
प्रशासन खेल में उलझा समाजसेवी पत्रकार।
आपको बताते चलें यह मामला समाजसेवी व पत्रकार भगवती प्रसाद सोनी का है। इनका एक हंसता खेलता परिवार था, खुले लोकतंत्र में जीना अपने कार्य से समय निकाल कर लिखना वा समाज में शोषित वंचितों के लिए मजबूती के साथ खड़े होना। लेकिन क्या पता था की इसी समाज में बैठे हुए प्रशासन के छत्र छाया में जी रहे कुछ अपराधियों द्वारा मासूम बेटे का
मूर्ति विसर्जन के दौरान राहुल सोनी उम्र 22 वर्ष वा जितेंद्र कुमार अहिरवार उम्र 21 वर्ष को पानी में डुबो कर मार डाला गया सोनी के पिता भगवती सोनी 8 लोगों को नामजद करते हुए, रिपोर्ट दर्ज करवाई, महोबा पुलिस द्वारा तीन बार FR लगाकर कर इत्तेफाक दुर्भाग्यपूर्ण जैसे शब्दों का प्रयोग करते हुए अपराधियों को गिरफ्तार तक नहीं किया गया। जिला अधिकारी महोबा मनोज कुमार मैं जिला अस्पताल जाकर अनशनकारी की हालत देखी और हालत देख कर उनको समझाया बुझाया कि आप अनशन को यहीं समाप्त करें मैं आपकी पूरी मदद करूंगा लेकिन भगवती प्रसाद सोनी ने अनशन तोड़ने से मना कर दिया इसके विषय में जिला अस्पताल अधीक्षक आरपी मिश्रा से वार्ता की अनशन कारी का स्वास्थ्य के विषय में वार्ता की तो उन्होंने बताया की हालत खराब है और इनको अनशन समाप्त करना चाहिए
भगवती प्रसाद सोनी कई बार लिखत कार्यवाही करते हुए प्रशासन से जबाब मांगते रहे पर उसका कोई असर नहीं हुआ ना प्रशासन ने कोई जबाब दिया ना कार्यवाही की महोबा पुलिस गोलमोल करती रही।
पश्चात परेशान होकर वर्तमान मुख्यमंत्री व भारत सरकार से न्याय की गुहार की कोई सुनवाई नहीं हुई जनसूचना का भी जबाब नहीं मिला संसद हमीरपुर विधायक सदर ने भी मुहर लगाकर सीबी सीआईडी जाँच की मांग से शासन को अवगत कराया , एक वर्ष हो गये फिर भी कोई कार्यवाही नहीं हुई।
भगवती प्रसाद शोनी का कहना है, की हम अब तक पाँच बार आमरण अनसन कर चुके हैं, पर अब तक न्याय नहीं मिला एक बार फिर,मोक्षधाम महोबा बुंदेलखंड में एक बार फिर से आमरण अनशन के लिए बाध्य हूँ।
शोनी जी का कहना है, जब तक महोबा पुलिस प्रशासन हत्यारों को गिरफ्तारी कर न्यायालय नहीं भेजती एवं जिलाधिकारी महोबा दोनों परिवारों को मुआवजा नहीं दिलवाएंगे तब आमरण अनशन जारी रहेगा ।
अब यह एक बड़ा सवाल बनता जा रहा है। उत्तर प्रदेश सरकार जोकि एक सशक्त सरकार में सुमार रही अपराधियों किसी कीमत पर बक्सा नहीं जयेगा। कुछ ऐसा मेन्युफेस्टो रहा , तो क्या यह सब फर्जी साबित हुआ।
क्या बुंदेलखंड वीरों की धरती पर एक अधेड़ पिता अपने बेटे को व उसके साथी को न्याय दिलाने के लिए शमसान ही दम तोड़ना पड़ेगा ,क्या इस लोकतंत्र में कलम सिपाही हार जायेगा ?