मूसलाधार बारिश के चलते कलमकार का ढहा आशियाना, दरवाजा न होने के कारण घट सकती है अप्रिय घटना

By khabarmahoba.in Oct 12, 2022

KHABAR MAHOBA News

मूसलाधार बारिश के चलते ढहा कलमकार का आशियाना….!!!

ब्रेकिंग न्यूज़ महोबा…!!!

वर्तमान समय में निर्भीक एवं साहस से ओतप्रोत पत्रकारिता बहुत कम ही देखने को मिलती है, क्योंकि कभी सरकार के पार्टी के नेताओं का दबाव चलता है तो कभी सरकारी हुक्मरानों का…!!!

निर्भीकता के कारण बहुत से पत्रकार बन्धुओं को इसका खामियाजा भुगतना पड़ता है….

क्योंकि जब कलमकार पूरी इमानदारी से अपनी कलम✒ के दम पर कर्मचारियों की कार्यशैली को जनता के सामने लाता है तो उस कलमकार को खरीदने की भरपूर कोशिश की जाती है ताकि भ्रष्टाचार में लिप्त भ्रष्ट कर्मचारियों की टोली में 🎩टोपी वालों के साथ कलमकार की कलम भी शामिल हो जाए और चाटुकारिता की स्याही से इतिहास लिखा जाये….!!!

इतिहास गवाह है जब कोई भी सच्चा ईमानदार पत्रकार निर्भीकता के साथ अपनी कलम का इस्तेमाल करता है तो उसे जीवन में इसका खामियाजा भुगतना पड़ता है…..!!!

ऐसा ही मामला जनपद महोबा के विकास खंड चरखारी के अन्तर्गत आने वाले ग्राम पंचायत जरौली निवासी आराधना राजपूत पत्नी नीरज राजपूत का सामने आया है….

आराधना राजपूत का कहना है कि मेरे पति नीरज राजपूत खबर महोबा के संवाददाता बतौर नियुक्त हैं…!!!

मेरा मकान जो कि कच्चा आवास है, 22-09-2022 को रात्रि 3:00 बजे मूसलाधार बारिश के चलते ढह गया था जिसमें बहुत मात्रा में आर्थिक हानि हुई थी और बाल बाल बचे थे…

इसी कच्चे आवास में हम लोग तकरीबन 8 वर्ष से निवास कर रहे हैं मेरे पति के नाम न जमीन है और न ही कोई व्यापार…

जब हमने आवास के लिए जनसुनवाई के माध्यम से आवेदन किया तो तत्कालीन ग्राम विकास अधिकारी सादाब खान ने पड़ताल की और पात्र व्यक्ति पाया….

किन्तु पति की निर्भीक पत्रकारिता के कारण आवास से वंचित कर दिया गया और पात्र सूची से नाम काट दिया गया…!!!!

आज जब हमारा कच्चा आवास धराशाही हुआ तब अत्यधिक क्षति हुई और ग्रहस्थी का अत्यधिक सामान क्षतिग्रस्त हो गया…!!!

इस मामले की जानकारी वर्तमान लेखपाल रवि चौरसिया जी को दूरभाष यंत्र द्वारा दी गई और मुआयने के लिए आग्रह किया परन्तु साहब द्वारा आश्वासन दे दिया गया कि आप अपने कागजात मोबाइल पर वाट्सएप कर दें….!!!

हुआ भी यही साहब को कागजात वाट्सएप और हार्ड कॉपी भी हस्तांतरित की गई…!!!!

किन्तु इतने दिनों के बावजूद प्रशासन के द्वारा कोई भी सहायता राशि नहीं भेजी गई…!!!

अब मामला ये कि कलमकार को अपने आवास में रात भर जाग कर पहरा देना पड़ता है क्योंकि बाहर का दरवाजा भी नहीं बचा…!!!

अब वर्तमान ग्राम प्रधान का कहना है कि सरकारी आवास से संबंधित साइट नहीं चल रही….

ईमानदारी और निर्भीकता के कारण “कलमकार” महोदय की अपने आवास को बनाने की क्षमता नहीं है क्योंकि अपनी कलम न बेचने के कारण आर्थिक तंगी का शिकार है….

अब माजरा ये है कि कलमकार अगर कर्ज लेकर अपने दरवाजे को लगवाता है तो सरकारी हुक्मरानों की नज़र में अपात्र घोषित कर दिया जाएगा और अगर दरवाजा नहीं लगवाता तो कोई भी अप्रिय घटना घट सकती है…!!!!

***** ब्यूरो रिपोर्ट खबर महोबा*****

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