लक्ष्मण शक्ति का दृश्य देखकर सभी ग्रामीण एवं क्षेत्रवासी रोने लगे

*कुलपहाड़ —-जामवंत कह वैद सुशेना। लंका रहइ को पठई लेना।। धरी लघु रूप गएउ हनुमंता। आनेऊ भवन समेत तुरंता।।—-

* ग्राम मुढारी की कमेटी युवा सेवा समिति के तत्वाधान में चल रही रामलीला में शुक्रवार की रात लक्ष्मण शक्ति लीला का मंचन किया गया। लीला में भगवान राम, सुग्रीव, जामवंत के साथ बैठकर मंत्रणा करते हैं। उसके बाद वानर सेना को लंका पर चढ़ाई करने का आदेश देते हैं। रावण के दूतों ने जानकारी दी कि वानर सेना लंका के द्वार पर आ गई है। तब रावण ने अपने पुत्र मेघनाथ से अपनी सेना के साथ वानर सेना पर आक्रमण करने का आदेश दिया। तभी राक्षस सेना को आते देख रामादल में हलचल मच गई। मेघनाथ वानरो को मारते हुए आगे बढ़ रहा था। यह देख राम का आदेश पाकर लक्ष्मण युद्ध करने पहुंचे। मेघनाथ और लक्ष्मण में भी भीषण युद्ध हुआ। जब मेघनाथ के सारे अस्त्र-शस्त्र असफल हो गए तो उसने अमोघ शक्ति लक्ष्मण के ऊपर छोड़ दी। शक्ति के लगते ही लक्ष्मण मूर्छित होकर धरा पर गिर पड़े। यह वाक्या देख हनुमान जी लक्ष्मण को लेकर रामादल में पहुंचे। लक्ष्मण को मूर्छित देख भगवान राम विलाप करने लगे। तब विभीषण ने उन्हें बताया कि मेघनाथ ने शक्ति वाण का प्रयोग किया है। जिसका उपचार लंका में रहने वाले सुसैन वैध ही कर सकते हैं। हनुमानजी सुषेन वैद्य की सलाह पर द्रोण पर्वत से संजीवनी बूटी लेकर आए और वैध ने लक्ष्मण को जड़ी बूटी खिलाकर मूर्छा से दूर किया।

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