शातिर चोर पकडा गया

शातिर चोर पकड़े गया

चरखारी। महोबा का कश्मीर कहे जाने वाले चरखारी पर सुप्रसिद्ध गोवर्धन नाथ महाराज पर भव्य मेले का आयोजन किया जा रहा है। इस प्रसिद्ध मेले को देखने बाहर से कई जिलों के लोग आते हैं। जिसमे हमीरपुर जिला के बरहरा ग्राम निवासी सुरेश मेला देखने चरखारी आया था।

प्रार्थी सुरेश ने बताया  की जब वह मेला देख रहा था तभी तीन चौर आए और मुझसे गिड़ गिडा़ने लगे की हमारे पैसे चोरी हो गए हैं। मुझे किराए के लिए कुछ पैसे दे दो, तो मैंने उनकी मदद के लिए जैसे ही पर्स से पैसे निकाले। तुरंत उन्होंने मेरे ₹4000 छीन लिए, और भागने लगे। तो मैंने उनके एक साथी अबी मोहम्मद को लोगों की मदद से पकड़ लिया। अभी मोहम्मद निवासी कोंच, जिला जालौन का रहने वाला है।

प्रार्थी सुरेश ने चोर को मेले में तैनात पुलिसकर्मियों के हवाले  कर  दिया और कोतवाली चरखारी पर लिखित प्रार्थना पत्र देकर पैसे दिलवाने और चोरों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है। 

पीड़ित सुरेश ने कोतवाली चरखारी पुलिस पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि, शाम के टाइम पर चरखारी पुलिस ने मुझे गाली गलौज करते हुए, कोतवाली से भाग जाने की बात कही है। पीड़ित ने बताया कि पुलिस द्वारा कहा गया है यहां से चले जाओ नहीं आपको भी अंदर कर देंगे, डरा सहमा पीड़ित व्यक्ति ने स्थानीय लोगों को समस्या बताई तो ,मौके में पहुंचे समाजसेवी मुन्नालाल राठौर राष्ट्रीय मीडिया संघ जिलाध्यक्ष महोबा व मीडिया खतरों का खिलाड़ी उप संपादक- मुन्नालाल राठौर ने पीड़ित व्यक्ति की समस्या पूंछी, तो पीड़ित व्यक्ति ने अपना पूरा हाल बताया। समाजसेवी मुन्नालाल राठौड़ ने पीड़ित व्यक्ति सुरेश को आश्वासन दिया और पीड़ित व्यक्ति सुरेश का पुलिस क्षेत्राधिकारी कार्यालय पर  प्रार्थना पत्र दिलवा कर पैसे की मांग तथा चोरों के  ऊपर कड़ी से कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है।, स्थानीय लोगों ने बाहर से आए हुए चोरों पर नाराजगी जताते हुए कहा कि यह लोग हमारे क्षेत्र को बदनाम कर रहे हैं ,और फिर स्थानीय पुलिस पर नाराजगी जताई है, क्षेत्रीय लोगों ने पुलिस की कार्यशैली पर गंभीर आरोप लगाए हैं।  कि बाहर से आए हुए लोगों के साथ पुलिस को इस तरह व्यवहार नहीं करना चाहिए, पुलिस मदद करने की वजह बाहर से आए हुए पीड़ित व्यक्ति को धमका कर भगा रही है । जो बहुत ही निंदनीय है, जिससे हमारे क्षेत्र की बहुत बड़ी बदनामी हो रही है।  जब पुलिस द्वारा यह हाल है तो फिर पीड़ित व्यक्ति   कहां जाए

 

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