मूंगफली की खरीद फरोख्त में भ्रष्टाचार की सीमा चरम पर

मूंगफली की खरीद फरोख्त में भ्रष्टाचार की सीमा चरम पर…कहीं व्यापारियों की मनमानी तो कहीं पर बिचौलियों की सनसनीखेज करतूत…जिले में चल रही किसानों से लूट मार…इस बात पर एक कहावत का याद आना लाजमी है.. ” राम नाम की लूट है लूटत बनै त लूट…!!वर्ना मोदी जी का नारा ही प्रख्यात है, “न खाऊंगा न खाने दूंगा”… लेकिन कर्मचारियों के कारनामों से विफल होता नज़र आ रहा है…!!

मामला जनपद महोबा के तहसील कुलपहाड़ के अन्तर्गत आने वाले ग्राम पंचायत भरवारा का है जहां पर एक महिला किसान की जमीन की उद्धरण खतौनी से दूसरे दबंग बिचौलिये ने फर्जी खरीफ़ फसल मूंगफली को बेचने का टोकन ले लिया और महिला किसान अपनी फसल को बेचने के लिए दर बदर ठोकर खा रही है…..जब से खरीफ़ फसल में मूंगफली की सरकारी खरीद शुरू हुई तब से कर्मचारियों की बल्ले बल्ले हो गई, कभी रातों रात व्यापारियों की सैकड़ों कुन्तल ब्लैक मनी को सफेद रंग दिया जाता है तो कहीं पर बिचौलियों की जेबें मालामाल हो रहीं हैं…

मामला जनपद महोबा के भरवारा ग्राम पंचायत का है जहां पर एक महिला किसान के साथ एक दबंग ने क्रय एजेंट (सचिव) व लेखपाल की मिलीभगत से फर्जीवाड़ा किया गया…महिला किसान की जमीन के कागजात पर दबंग ने अपनी ऑनलाइन प्रक्रिया पूर्ण करके एवं भ्रष्टाचारियों की जेबें भर कर फर्जी टोकन लेकर मूंगफली बेच डाली और महिला किसान अपनी फसल को बेचने के लिए दर बदर ठोकरें खाती फिर रही है और दोषियों के खिलाफ उचित कानूनी कार्यवाही करने की मांग कर रही है जबकि प्रशासन कुम्भकरणी नींद में मस्त है….लेकिन सोचने की बात तो यह है कि तहसील में दूसरे के कागजात प्राप्त करना एवं उस पर पूरी प्रक्रिया इतनी सहजता से कैसे संभव है…जिले में इस तरह के भ्रष्टाचार से आला अधिकारियों के इन्साफ पर उंगली उठती नज़र आ रही है…

ब्यूरो रिपोर्ट खबर महोबा

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