Breaking NEWS
Wed. Mar 12th, 2025

MAHOBA NEWS || आशीष नेहरा ने क्रिकेट कोचिंग और ग्रामीण क्षेत्रों में खेल विकास पर रखी अपनी राय

महोबा: इंडियन क्रिकेट के पूर्व तेज गेंदबाज और गुजरात टाइटंस के कोच आशीष नेहरा ने हाल ही में इंडस वैली पब्लिक स्कूल में क्रिकेट अकादमी के उद्घाटन समारोह में भाग लिया। इस दौरान उन्होंने क्रिकेट और कोचिंग से जुड़ी अपनी यात्रा और अनुभव साझा किए।

क्रिकेट से कोचिंग तक का सफर

आशीष नेहरा ने कहा, “सबसे ज्यादा मज़ा तो खेलने में ही आता है, लेकिन यह हमेशा संभव नहीं होता। इसके बाद कोचिंग और ब्रॉडकास्टिंग के ज़रिए अपने अनुभव को साझा करने का अवसर मिलता है। कोचिंग में भी काफी कुछ सीखने को मिलता है, जो खेल के बाद नई समझ पैदा करता है।”

ग्रामीण क्षेत्रों में क्रिकेट अकादमी खोलने की जरूरत

नेहरा ने बताया कि बड़े शहरों की तुलना में ग्रामीण क्षेत्रों में क्रिकेट के लिए बुनियादी सुविधाएं काफी कम हैं। उन्होंने कहा, “मुंबई जैसे शहर में एक मैदान पर 50 मैच चल सकते हैं, लेकिन पूरे बुंदेलखंड में इतने मैच नहीं होते। हमें छोटे शहरों और गांवों में क्रिकेट की बेहतर सुविधाएं देनी होंगी।” उन्होंने आगे कहा कि भारत का 70-80% हिस्सा ग्रामीण इलाकों में है, इसलिए वहां खेल की सुविधाएं बढ़ाने की जरूरत है।

खिलाड़ियों की फिटनेस और इंजरी की चुनौतियां

तेज गेंदबाजों को अक्सर चोटों का सामना करना पड़ता है, इस पर नेहरा ने कहा, “फास्ट बॉलिंग का एक्शन मानव शरीर के लिए स्वाभाविक नहीं होता। इसलिए, घुटनों, टखनों, और पीठ में चोट लगना आम बात है। लेकिन सही ट्रेनिंग और मेंटल स्ट्रेंथ से इन चुनौतियों का सामना किया जा सकता है।”

क्रिकेट के भविष्य के लिए प्रतिबद्धता

इस कार्यक्रम में इंडस वैली पब्लिक स्कूल के चेयरमैन विशाल सिंह भी मौजूद थे। उन्होंने कहा कि वे बुंदेलखंड में उच्च स्तरीय शिक्षा और खेल सुविधाओं को विकसित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। विशाल सिंह ने कहा, “हम महोबा, छतरपुर, बांदा, झांसी, और उरई जैसे स्थानों में स्कूल और खेल अकादमियों की स्थापना कर रहे हैं ताकि स्थानीय बच्चों को विश्वस्तरीय शिक्षा और खेल सुविधाएं मिल सकें।”

आशीष नेहरा का यह कदम ग्रामीण क्षेत्रों में क्रिकेट को नई ऊंचाइयों तक ले जाने में सहायक साबित हो सकता है। उनका मानना है कि सही मार्गदर्शन और सुविधाएं मिलने पर छोटे शहरों और गांवों के बच्चे भी भारतीय क्रिकेट टीम में जगह बना सकते हैं।

यह कार्यक्रम न केवल महोबा बल्कि पूरे बुंदेलखंड क्षेत्र के लिए गौरव का क्षण था, जहां खेल और शिक्षा के माध्यम से नई संभावनाएं उभर रही हैं।

Related Post