महोबा जिले की तहसील चरखारी का मामला
अनैतिक कार्यों का अड्डा बना सालट गांव का जंगल, अधिकारियों की लापरवाही के कारण सरकार को लग रहा है लाखों का चूना।
एक तरफ प्रशासन पेड़ों तथा जंगलों को बचाने के लिए लाखों रुपए खर्च करके वृक्षारोपण का कार्य कर रहा है। वहीं दूसरी वन विभाग के अधिकारियों की बहुत बड़ी लापरवाही सामने नजर आ रही है। चरखारी वन रेंज के अंतर्गत सालट गांव का जंगल विख्यात है, प्रत्येक वर्ष पौधारोपण तथा पौधों के गड्ढों के लिए सरकार लाखों रुपए का बजट अधिकारियों को सिर्फ इसलिए दे रही है कि यहां पर दिन प्रतिदिन वृक्षों की बढ़ोतरी हो सके। लेकिन यहां पर तो अधिकारी सिर्फ कागजों पर ही पौधे दर्ज कर रहे हैं, सालट गांव के जंगल में खुदाई का कार्य पूरा जेसीबी मशीन द्वारा करवाया जा रहा है, जिसके कारण सैकड़ों वृक्षों की बलि दी जा रही है जिससे साफ जाहिर हो रहा है कि अधिकारियों को वृक्षारोपण से ज्यादा अपनी जेब भरने की चिंता रहती है। जेसीबी मशीन द्वारा की गई खुदाई में देखा गया है ,कि कई वृक्षों को जड़ समेत गिरा दिया जाता है और वही लकड़ी ईंट भट्टों के लिए लाखों रुपए में बेच दी जाती है। इस अनैतिक कार्यों का निरीक्षण करने के लिए भी अधिकारियों के पास कोई टाइम नहीं है, बरसों से प्रत्येक वर्ष जंगल में हजारों पेड़ जून जुलाई के महीने में लगाए जाते हैं लेकिन एक भी पौधा सफल नहीं हो पाता है सिर्फ कागजों पर ही पौध लग जाती है। जेसीबी मशीन के कारण सालट गांव के जंगल के सैकड़ों वृक्ष धराशाई होते देखे गए हैं ,लेकिन अधिकारियों को इस बात से कोई लेना देना नहीं रहता है। वन अधिकारियों की इस लापरवाही का नतीजा है कि जंगल दिन प्रतिदिन वीरान होता नजर आ रहा है।
महोबा से प्रमोद तिवारी की रिपोर्ट
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