मणिलाल पाटीदार: इंजीनियरिंग के बाद यूपीएससी में जमाई धाक, फिर आईपीएस से बन गये एक लाख ईनामी बदमाश, चौंकाने वाली है कहानी
बहुत ज्यादा वक़्त नहीं बीता जब पढ़ाई में टॉपर लड़के के गाँव में जश्न मनाया जा रहा था. जगह-जगह स्वागत हो रहे थे. मिसाल दी जा रही थी कि लगन हो तो गाँव का लड़का आईपीएस अधिकारी भी बन सकता है. अब उसी गाँव और लोगों में ये गर्व गायब सा हो गया है. लोग स्तब्ध हैं कि जिस पर वह गर्व कर रहे थे, वो लड़का सफलता की बेमिसाल सीढ़ी चढ़ने के बाद इनामी बदमाश हो गया है. उत्तर प्रदेश पुलिस उसे तलाश रही है और उस पर एक लाख का इनाम भी घोषित हो गया है. आखिर ऐसा कैसे हुआ कि राजस्थान के रहने वाले मणिलाल पाटीदार को फरार होना. वो भी तब जब वह यूपी के महोबा जिले के एसपी थे.लगा.पिछले 17 महीने से अपराधियों के तरह छिपे फिर रहे आईपीएस मणिलाल पाटीदार को ढूंढ रही क्राइम ब्रांच और एसटीएफ।
हासिल की थी 188वीं रैंक, ऐसा है बैकग्राउंड
मणिलाल पाटीदार की उम्र सिर्फ 32 साल है. 25 नवंबर 1989 को जन्मे मणिलाल पाटीदार ने 2013 में UPSC परीक्षा पास की थी. इसमें मणिलाल ने 188वीं रैंक हासिल की थी. रामजी पाटीदार के पुत्र मणिलाल का गृह नगर राजस्थान का डूंगरपुर हैं. मणिलाल ने आईपीएस अधिकारी बनने से पहले इंजीनियरिंग की थी. इलेक्ट्रॉनिक टेलीकम्यूनिकेशन से बीटेक के बाद मणिलाल का इंजीनियरिंग का मन नहीं लगा तो UPSC की तैयारी की और कड़ी मेहनत के बाद बड़ी सफलता हासिल कर ली. जब ये सफलता मिली मणिलाल की उम्र 25 साल से भी कम थी.
रातों-रात अमीर बनना चाहता थे मणिलाल
मणिलाल पाटीदार की तैनाती यूपी में हुई. राजधानी लखनऊ में रहने के बाद महोबा में एसपी बनाया गया, लेकिन यहाँ मणिलाल को पैसे कमाने की लत लग गई. आरोप है कि मणिलाल ने एसपी रहते हुए जमकर उगाही की. कुछ माह की नौकरी में ही मणिलाल ने बहुत अमीर बनने का ख्वाब देखा और इसे पूरा करने के लिए रिश्वत का खेल शुरू किया.लगातार वसूली का आरोप लगने लगा.
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, महोबा के क्रशर व्यापारी इंद्रकांत त्रिपाठी अपनी कार में 8 सितंबर को गोली लगने के कारण घायल पाये गये थे. इसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया. व्यापारी की 13 सितंबर को अस्पताल में मौत हो गई. मौत से कुछ दिन पहले ही व्यापारी ने इंद्रकांत त्रिपाठी ने फेसबुक पर मणिलाल पाटीदार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था. जो सोशल मीडिया में खूब वायरल हुआ था.
आईपीएस मणिलाल पाटीदार चलाते थे अवैध वसूली का गिरोह
उत्तर प्रदेश के महोबा में एसपी रहे मणिलाल पाटीदार के खिलाफ आईजी की जांच रिपोर्ट के मुताबिक,वह अपराधियों की तरह संगठित गिरोह चलाकर अवैध उगाही कर रहे थे। मुंहमांगा महीना न मिलने पर उन्होंने एक निजी फर्म की गिट्टी लदी गाड़ियां पकड़वा दी। जांच रिपोर्ट में एसपी पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों की पुष्टि भी हुई है।
मणिलाल पर पीपी पांडेय इन्फ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड से भी महीने के दो लाख उगाही के आरोप लगे हैं। चित्रकूट रेंज के तत्कालीन आईजी के सत्यनारायण द्वारा भेजी गई रिपोर्ट के मुताबिक, कंपनी के प्रॉजेक्ट मैनेजर अमित तिवारी को सिपाही राजकुमार कश्यप ने 29 व 30 मई को एसपी से उनके आवास में मिलवाया। मुलाकात से पहले अमित का मोबाइल फोन जमा करवा लिया गया। एसपी ने अमित से पूछा कि उसकी कितनी गाड़ियां चल रही हैं। उसने 46 गाड़ियां बताईं तो कप्तान ने कहा कि तुम्हारी 86 गाड़ियां चल रही हैं। अगर गाड़ियां चलानी है तो हर माह दो लाख रुपये देने होंगे।
20 मई से 27 जून के बीच हुई 37 बार बात
आईजी की रिपोर्ट में कहा गया है कि एसपी के करीबी सिपाही राजकुमार कश्यप और अमित ने 20 मई से 27 जून के बीच एक-दूसरे को 37 कॉल कीं। इनमें से 24 कॉल सिपाही की तरफ से की गईं। जांच में कॉल डिटेल, लोकेशन, अमित को एसपी आवास बुलाने, उसके फोन जमा करवाने व गाड़ियां चलाने के लिए एसपी द्वारा दो लाख रुपये महीना मांगने की भी पुष्टि हुई है।
पैसे नहीं मिले तो दर्ज करवाए फर्जी मुकदमे
जब अमित ने एसपी को पैसे नहीं दिए गए तो उसकी कंपनी के ट्रकों को फर्जी आरोपों में रोका और पकड़ा गया। कंपनी के लोगों को गिरफ्तार कर फर्जी मुकदमे लिखवाए गए।
लगे थे ये आरोप
इंद्रकांत की मौत के बाद उनके भाई ने आरोप लगाया कि पाटीदार ने त्रिपाठी से 6 लाख रुपये की रिश्वत की मांग की थी. मणिलाल ने धमकी दी कि यदि एक सप्ताह के भीतर रकम नहीं दी तो जान से मार दिया जाएगा या जेल भेज दिया जाएगा. इसके बाद पाटीदार को भ्रष्टाचार के आरोपों के कारण सेवा से निलंबित करके जांच का आदेश जारी किया गया. मणिलाल पाटीदार के खिलाफ हत्या का मुकदमा भी दर्ज है. भगोड़ा घोषित करते हुए मणिलाल पर पहले 50 हजार का इनाम घोषित किया गया था. जिसे बढ़ाकर एक लाख कर दिया गया है.
अन्य पुलिस अधिकारी भी आरोपी
महोबा व्यापारी त्रिपाठी की मौत के मामले में एसपी रहे मणिलाल पाटीदार के अलावा कबरई के पूर्व एसएचओ देवेंद्र शुक्ला व कांस्टेबल अरुण कुमार यादव भी आरोपी थी। शुक्ला को गिरफ्तार कर जेल भिजवाया दिया गया जबकि अरुण कुमार यादव ने सरेंडर कर दिया। मणिलाल पाटीदार की तलाश जारी है। 25 हजार से शुरू हुआ इनाम 50 हजार होते हुए अब एक लाख तक पहुंच गया है।
इन्द्रकांत त्रिपाठी की मौत से पहले उनका और महोबा के पूर्व विधायक अरिमर्दन सिंह की बातचीत का ऑडियो इन्द्रकांत त्रिपाठी की मौत के बाद सोशल मीडिया में खूब हुआ था वायरल जिसमे मणिलाल पाटीदार के छह लाख मांगने का जिक्र किया था।