महोबा। महोबा शहर के न्यारी पूरा, मुकेरि पुरा, खनका बाजार, मुन्ना तिराहा, मैं मोबाइल ऐप मैं लकी नंबर निकाल कर मटका खिलाया जा रहा है एक रुपए के नो रुपए और नो रुपए के 90 रूपये जीतने वाले शख्स को दिए जा रहे हैं। क्योंकि मटका चलाने वाले शख्स को संरक्षण तथाकथित पत्रकार बरसों से दे रहे है क्योंकि यह लाल बूलेट चलाने वाला शख्स इन सभी को मैनेजमेंट करता है। और खुलेआम मटका चला रहा है यहां तक की यह मटका चलाने वाला तथाकथित पत्रकारों को विदेश यात्रा भी करवाता है।
गौरतलब हो कि महोबा शहर में वामन पत्ते की तरह हार जीत की बाजी मटका चलाने वाले युवाओं को बर्बाद करने पर तुले हुए हैं कई युवा तो मटका और सट्टा खेलते खेलते हैं इतने बर्बाद हो गए कि वह महोबा छोड़ कर अन्य प्रदेशों पर पलायन कर गए सट्टा और जुआ की लत शहर में युवाओं को मटका के रूप मैं लगाई जा रही है और शहर के मुकेरि पुरा ,मुन्ना चौराहा, खनका बाजार, ऐसी जगह में बाकायदा नंबर लगाए जा रहे हैं और तथाकथित पत्रकार इनको संरक्षण भी दे रहे हैं यहां तक की तथाकथित पत्रकारों को लाल बुलेट चलाने वाला और सट्टा खिलाने वाला चौरसिया विदेश यात्रा भी करता है जिससे मटका का धंधा फलता फूलता रहे लाल बुलेट में खर्राटे भरता यह मटका का पहलवान मुन्ना चौराहे में देखा जा सकता है।
सूत्रों की माने तो गुलाबी गांधी और पत्रकारिता का पा भी नहीं जिन्हें आता ढंग से ,वह भी पत्रकारिता का चोला ओढ़कर सटोरियों और सट्टा बाजों को संवाददाता बना देते हैं जिससे सट्टे का धंधा बड़ी आसानी से चलता रहे और तथाकथित पत्रकार विदेश यात्रा के दौरान शेर के बच्चे को दूध तो कभी मगरमच्छ की सवारी करते हुए सोशल मीडिया में फोटो शेयर करते हैं ताकि लोगों में इनका खौफ और दबदबा बना रहे इतना ही नहीं विदेश यात्रा के दौरान बिताए गए विदेशी महिलाओं के साथ हसीन पलों के वीडियो अपने यार दोस्तों को दिखाते हैं सूत्रों की माने तो अगर इनके मोबाइल चेक किए जाएं तो विदेशी महिलाओं के वीडियो इनके मोबाइल पर मिल जाएंगे वही ऐसे तथाकथित पत्रकारों का कारोबार ज्यादातर भ्रामक खबर चला और इंद्र कांत त्रिपाठी ऐसे मामले को तूल पकड़ाना रहा है जिसकी पुष्टि इंद्र कांत त्रिपाठी की जांच कर रही एसआईटी टीम ने अपनी जांच पर जिक्र किया है ऐसे तथाकथित पत्रकारों की संपत्ति की जिला प्रशासन जांच कराए तो इनकी तमाम काली करतूत उजागर हो जाएंगी वहीं सूत्रों की माने तो यह तथाकथित पत्रकार पत्रकारिता करने से पहले कई बार स्थानीय पुलिस के हाथों देसी कट्टा बेचते पकड़े जा चुके हैं वहीं सूत्रों की माने तो सट्टा चलाने वाले और मटका चलाने वाले 52 पत्ता खेलने वालों के गठजोड़ से यह पत्रकार जिले में अपनी काली करतूतों छुपाने के लिए लोकल न्यूज़ यूट्यूब पोर्टल का सहारा लेकर जिला प्रशासन के अधिकारियों के इर्द गिर्द घूमते देखे जा सकते हैं।