कबरई, महोबा। आपको बता दें कि महोबा जिले के कस्बा कबरई अलीपुरा डर्रा पहाड़ के पास क्रेशर प्लांट में काम करने वाले दो मजदूरों की दर्दनाक मौत हो गई है। मजदूरों की मौत से परिवार का रो-रो कर बुरा हाल है। वही परिजनों का आरोप है कि पंडावती ग्रेनाइट मैं नाइट ड्यूटी के दौरान भीष्म की लोडर चढ़ा जाने की वजह से मौत हुई है। भीष्म के परिजनों ने आरोप लगाया है कि क्रेशर मालिक रात के अंधेरे में शव को जिला अस्पताल रख कर भाग गए। वही दूसरी घटना में मजदूर रामकिशन की पहाड़ से गिरकर मौत हो गई है। वही कबरई थाना इंचार्ज ने मौके पर पहुंचकर शव का पंचनामा भर जिला महोबा विच्छेदन गृह भेज दिया है।
पत्थर उद्योग नगरी कहीं जाने वाली कबरई में आए दिन खदानों से पत्थर तोड़ते समय मजदूरों की मौत हो जाती है। क्योंकि ज्यादातर मजदूर बिगर सुरक्षा उपकरण के खदानों में काम करते देखे जा सकते हैं । वही क्रेशर मालिक और खनिज विभाग की उदासीनता की वजह से अक्सर खदानों से गिरकर मजदूर की मौत हो जाती है या मजदूर अपाहिज हो जाता हैै।
कारण क्रेशर मालिक जो ज्यादातर मजदूरों को सुरक्षा उपकरण नहीं प्रदान कराते हैं। इसलिए अक्सर मजदूर सुरक्षा कवच की वजह से मौत के गाल पर समा जाते हैं। वही पहाड़ों से गिरने वाले मजदूर की मौत हो जाने के बाद मैनेजमेंट गुरु गिद्ध की तरह थाने और खनिज विभाग में अपनी गोटिया बिछाना चालू कर देते हैं। जिससे मजदूर की मौत का सौदा आसानी से किया जा सके। वही कबरई में अलग-अलग घटनाओं में दो मजदूरों की दर्दनाक मौत हो गई है । और मजदूरों के परिजनों ने क्रेशर प्लांट चलाने वाले मालिकों के ऊपर आरोप लगाते हुए कबरई थाने में तहरीर दी है।
हम आपको बता दें कि पत्थर उद्योग नगरी कबरई में पत्थर तोड़ते समय एक माह में लगभग 10 से 30 मजदूरों की मृत्यु हो जाती है। पर शायद ही कबरई थाने में इन मजदूरों मौत का आंकड़ा हो ज्यादातर खदानों और क्रेशर प्लांट मैं काम करते समय मजदूरों की उपकरणों के अभाव में मौत हो जाती है। और जब मजदूरों की मौत हो जाती है कबरई मैनेजमेंट गुरु से लेकर खनिज विभाग तक मौत का लाभ लेने के लिए मजदूर के शव पर गिद्ध की तरह टूट जाते हैं। और मैनेजमेंट गुरु मजदूरों की परिजनों को मैनेजमेंट कर मामले को तूल पकड़ने से पहले ही रफा-दफा कर देते हैं ।और पहाड़ से गिरने वाले मजदूरों की मौत का आंकड़ा केवल लोगों के कंटक तक रह जाता या साहब की फाइल में दबकर सिसकते हुए दम तोड़ देता है।
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