ग्राम प्रधान व ग्राम विकास अधिकारी (सचिव) पर ग्रामीणों ने लगाये भ्रष्टाचार करने का आरोप

ग्राम प्रधान व ग्राम विकास अधिकारी (सचिव) पर ग्रामीणों ने लगाये भ्रष्टाचार करने का आरोप….मामला जनपद महोबा के विकासखण्ड जैतपुर का…!!

ग्राम प्रधान व सचिव की मिली भगत से हो रही लाखों रुपए की हेरा-फेरी…!!!भ्रष्टाचार के विषय पर… आप सभी ने अनेकानेक घटनाएं देखी होंगी…., कहीं पर रिश्वत के दम पर किसी निर्दोष को सज़ा सुनाई जाती है तो कहीं रिश्वत के बलबूते पर विकास कार्यों को ही ताक पर रख दिया जाता है…ऐसा ही मामला जनपद महोबा के विकासखण्ड जैतपुर के अन्तर्गत आने वाले ग्राम पंचायत मुढ़ारी से सामने आया है जहां ग्रामीणों एवं वार्ड मेंबरों ने ग्राम प्रधान व सचिव पर गम्भीर आरोप लगाते हुए उच्च अधिकारियों से जांच की मांग की है…

ग्रामीणों एवं वार्ड मेंबरों ने दिये गये प्रार्थना पत्र द्वारा उच्च अधिकारियों को अवगत कराया गया कि ग्राम पंचायत मुढ़ारी में ग्राम प्रधान व सचिव द्वारा सामूहिक रूप से विकास कार्यों के लिए विकास निधि का बंदरबांट चल रहा है….!!वार्ड मेंबरों ने विरोध जताते हुए बताया कि विकास कार्यों की रूपरेखा के अनुरूप ग्राम प्रधान द्वारा कभी भी सामूहिक खुली बैठक का आयोजन नहीं किया जाता और विकास कार्यों को कागज़ों पर फर्जी हस्ताक्षर कर पैसों को हज़म किया जा रहा है…..

एक ओर कुछ ग्रामीणों ने आला अधिकारियों को अवगत कराते हुए विकास कार्यों की लिस्ट प्रस्तुत करते हुए जांच की मांग कर डाली….विकास कार्यों की लिस्ट में जैसे* –

1- सती माता मंदिर के पास सी सी रोड का निर्माण.. इस पर ग्रामीणों ने बताया कि ग्राम प्रधान द्वारा मात्र 18 मीटर की सी सी रोड का निर्माण किया गया जबकि 55 मीटर सड़क का भुगतान कराया गया…

2- राजा ढीमर के मकान से अनुरागी जी के मकान तक यू टाइप नाली निर्माण का कार्य जबकि इस विषय पर वार्ड मेंबरों का कहना है कि यह पहले से ही बनी हुई थी केवल सचिव महोदय के मार्गदर्शन पर डेंटिंग पेंटिंग करा कर एवं वार्ड मेंबरों के फर्जी हस्ताक्षर करके भुगतान कराया गया..

3- हैंडपंपों के पास 37 सोकपिट बनाये गए जबकि 60 सोकपिटों का भुगतान कराया गया….

4- वहीं पर दूसरी ओर खेल के मैदान में फर्जी काम एवं मॉडलिंग दिखा कर लाखों रुपए का गबन किया गया…

5- कान्हा गौशाला में 315 गौवंश रजिस्टर्ड थे वित्तीय वर्ष 2022-23 में 175 गाय, 85 बछड़ा, 30 बछिया नन्हीं, 25 नन्हे बछड़ा, कुल मिलाकर 205 मादा व 110 नर गौवंश थे…जबकि उचित देखभाल न होने से विगत वर्ष में 49 गौवंश मृतक भी हुए, तदुपरांत भुगतान बराबर कराया गया…वहीं दूसरी ओर प्रधान जी पर ग्राम विकास अधिकारी (सचिव) साहब की मेहरबानी हुई और मार्गदर्शन प्राप्त हुआ तदुपरांत मनरेगा के तहत भी लाखों रुपए का घोटाला हुआ….

ग्रामीणों एवं वार्ड मेंबरों का कहना है कि प्रधान एक मामूली सा आम साधारण व्यक्ति था जिसके पास 1 एकड़ से भी कम जमीन जायदाद के अतिरिक्त एक पुरानी साधारण सी मोटरसाइकिल थी…किन्तु साहब का वरदहस्त प्राप्त होते ही आलीशान महल के साथ लोहे का घोड़ा भी बंध गया अर्थात् चार पहिया वाहन भी खड़े हो गए..अब मानें तो एक मामूली ग्राम प्रधान की तनख्वाह कितनी होती है…इस विषय पर ग्रामीणों एवं वार्ड मेंबरों ने सम्मिलित रूप से उच्च अधिकारियों को प्रार्थना पत्र सौंपा और फर्जी हस्ताक्षर व विकास कार्यों की समीक्षा जांच की मांग की गई…ब्यूरो रिपोर्ट खबर महोबा

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