कुलपहाड़ (महोबा)। कोतवाली कुलपहाड़ के सतारी गांव में भैंस के गोबर से छह माह के मासूम की दम घुटने से मौत होने की घटना के बाद पशुपालक सचेत हो गए हैं। उन्होंने इस घटना से सबक लेते हुए पशुओं को बांधने के लिए अलग से बाड़े का उपयोग करना शुरू कर दिया है। वहीं, ग्राम प्रधान ने ग्रामीणों से पशुओं के लिए अलग से व्यवस्था करने की अपील की है ताकि इस प्रकार की घटना न हो सके।
गौरतलब है कि सतारी गांव निवासी मुकेश यादव अपने पशुओं को घर के आंगन में बांधता था। पांच दिसंबर को देर शाम उसकी पत्नी निकता पशुओं को भूसा-चारा डाल रही थी। छह माह के मासूम आयुष के रोने पर उसने उसे झूले पर लेटा दिया था। झूला पशुओं के पास रखा होने पर एक भैंस ने झूले के ऊपर गोबर कर दिया था। मुंह में गोबर गिरने से मासूम की दम घुटने से मौत हो गई थी। इस घटना के बाद पशुपालकों ने पशुओं को बांधने के लिए अलग से पशुबाड़े का उपयोग करना शुरू कर दिया है।
पशुपालक सुरेंद्र सिंह, हरनाथ आदि ने बताया कि इस तरह की घटना गांव में कभी नहीं हुई। अधिकांश ग्रामीण जहां निवास बनाए हैं, वहीं पशुओं को भी रखते हैं, लेकिन इस घटना ने सभी को झकझोर दिया है। यही वजह है कि पशुपालक पशुओं को बांधने के लिए अलग से व्यवस्था कर रहे हैं। ग्राम प्रधान संदीप पांडेय ने पशु पालकों से अपने-अपने पशुओं को पशुबाड़े में बांधने और छुट्टा न छोड़ने की अपील की है। कहा है कि यदि कोई अन्ना पशु गांव में दिखे तो उसे गोशाला पहुंचाया जाए।