नई दिल्ली, 16 फरवरी: देर रात नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर मची भगदड़ में 15 से 18 लोगों के मारे जाने की आशंका जताई जा रही है। इंडिया टुडे ग्रुप के सूत्रों के अनुसार, यह भगदड़ प्लेटफॉर्म नंबर 14, 15 और 16 पर हुई, जहां स्वतंत्रता सेनानी एक्सप्रेस और अन्य ट्रेनें खड़ी थीं। हादसा उस समय हुआ जब भारी संख्या में श्रद्धालु प्रयागराज में महाकुंभ के स्नान के लिए रवाना होने वाले थे।

स्थिति नियंत्रण में होने का दावा रेल मंत्री द्वारा जारी किए गए दो ट्वीट्स के अनुसार, दिल्ली पुलिस और रेलवे सुरक्षा बल (RPF) की टीमें मौके पर पहुंच गई हैं। घायलों को अस्पताल ले जाया जा रहा है और यात्रियों को सुरक्षित निकालने के लिए चार विशेष ट्रेनें चलाई जा रही हैं।
एलजी विनय सक्सेना ने की पुष्टि दिल्ली के उपराज्यपाल विनय सक्सेना ने इस घटना को लेकर बयान जारी किया है और मृतकों की संभावना की पुष्टि की है। उन्होंने मुख्य सचिव और पुलिस कमिश्नर को तत्काल जांच के आदेश दिए हैं और विस्तृत रिपोर्ट तैयार करने को कहा है।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री आतिशी ने ट्वीट कर इस घटना को बेहद दुखद बताया और केंद्र व यूपी सरकार की अव्यवस्थाओं पर सवाल उठाए। उन्होंने रेलवे विभाग से अपील की कि वे श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करें और जल्द से जल्द राहत कार्य करें।
हाई-लेवल जांच समिति गठित रेलवे ने इस भगदड़ की जांच के लिए एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया है, जो इस घटना के कारणों की जांच करेगी। समिति यह पता लगाएगी कि क्राउड कंट्रोल के पर्याप्त इंतजाम थे या नहीं और भगदड़ की स्थिति क्यों बनी।
नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भारी भीड़ सूत्रों के मुताबिक, शनिवार और रविवार के वीकेंड को देखते हुए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ स्टेशन पर उमड़ पड़ी थी। अनुमान है कि हर घंटे करीब 1500 जनरल टिकट जारी किए जा रहे थे, जिससे स्टेशन पर जबरदस्त भीड़ हो गई थी।
घटना का क्रम:
- शुरुआत: भीड़ शाम 7 बजे से ही बढ़ने लगी थी, और 8 बजे तक स्थिति गंभीर होने लगी। प्लेटफॉर्म पर सुरक्षा की कमी थी, और पुलिसकर्मियों की संख्या बहुत कम थी।
- प्रशासन की चूक: सामान्य दिनों में आरपीएफ अधिकारी नो-एंट्री वाले इलाकों की निगरानी करते हैं, लेकिन उस दिन कोई नियंत्रण नहीं था।
- ट्रेन आगमन: रात 10 बजे प्रयागराज जाने वाली ट्रेन के प्लेटफॉर्म पर पहुंचते ही भगदड़ मच गई। लोग धक्का-मुक्की कर रहे थे, और भीड़ बेकाबू हो गई।
- हादसे: भगदड़ में कई लोग गिर गए, कुछ की जान चली गई, और कई घायल हुए। एक प्रत्यक्षदर्शी के अनुसार, आठ साल की एक बच्ची ने उनके सामने दम तोड़ दिया।
बचाव एवं प्रशासन की प्रतिक्रिया:
- 20 से अधिक एंबुलेंस मौके पर पहुंची और घायलों को अस्पताल ले जाया गया।
- पुलिस प्रशासन को घटनास्थल पर पहुंचने में 1.5 घंटे का समय लग गया।
- यात्रियों ने बताया कि रेलवे में अव्यवस्था और भीड़ नियंत्रण के इंतजामों की भारी कमी थी।
यात्रियों की समस्याएं:
- कई यात्रियों के पास टिकट होने के बावजूद वे ट्रेन में नहीं चढ़ पाए।
- कुली अनावश्यक रूप से अधिक पैसे मांग रहे थे और सीट दिलाने का झांसा दे रहे थे।
- भगदड़ से बचने के लिए कई लोगों ने यात्रा स्थगित कर दी।
निष्कर्ष:
इस दुर्घटना ने रेलवे प्रशासन और सरकार की लापरवाही को उजागर किया है। कुंभ जैसे बड़े आयोजन के दौरान भीड़ प्रबंधन और सुरक्षा के लिए विशेष इंतजाम होने चाहिए थे, जो स्पष्ट रूप से नदारद थे।