KHABAR MAHOBA News
नेता जी सुभाष चंद्र बोस की जयंती को मनाया गया पराक्रम दिवस के रूप में….
सुभाष चन्द्र बोस (23 जनवरी 1897 – 18 अगस्त 1945) भारत के स्वतन्त्रता संग्राम के अग्रणी तथा सबसे बड़े नेता थे। द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान, अंग्रेज़ों के खिलाफ लड़ने के लिए, उन्होंने जापान के सहयोग से आज़ाद हिन्द फ़ौज का गठन किया था।
उनके द्वारा दिया गया जय हिन्द का नारा भारत का राष्ट्रीय नारा बन गया है। “तुम मुझे खून दो मैं तुम्हे आजादी दूंगा” का नारा भी उनका था जो उस समय अत्यधिक प्रचलन में आया।भारतवासी उन्हें नेता जी के नाम से सम्बोधित करते हैं।
कुछ इतिहासकारों का मानना है कि जब नेता जी ने जापान और जर्मनी से सहायता लेने का प्रयास किया था, तो ब्रिटिश सरकार ने अपने गुप्तचरों को 1941 में उन्हें खत्म करने का आदेश दिया था।[3]
नेता जी ने 5 जुलाई 1943 को सिंगापुर के टाउन हाल के सामने ‘सुप्रीम कमाण्डर’ के रूप में सेना को सम्बोधित करते हुए “दिल्ली चलो!” का नारा दिया और जापानी सेना के साथ मिलकर ब्रिटिश व कामनवेल्थ सेना से बर्मा सहित इम्फाल और कोहिमा में एक साथ जमकर मोर्चा लिया।
21 अक्टूबर 1943 को बोस ने आज़ाद हिंद फौज के सर्वोच्च सेनापति की हैसियत से स्वतंत्र भारत की अस्थायी सरकार बनाई जिसे जर्मनी, जापान, फ़िलीपीन्स, कोरिया, चीन, इटली, मान्चुको और आयरलैंड सहित 11 देशो की सरकारों ने मान्यता दी थी। जापान ने अण्डमान और निकोबार द्वीपसमूह इस अस्थायी सरकार को दे दिए। सुभाष उन द्वीपों में गए और उनका नया नामकरण किया।
1944 को आज़ाद हिंद फौज ने अंग्रेजों पर दोबारा आक्रमण किया और कुछ भारतीय प्रदेशों को अंग्रेजों से मुक्त भी करा लिया। कोहिमा का युद्ध 4 अप्रैल 1944 से 22 जून 1944 तक लड़ा गया एक भयंकर युद्ध था। इस युद्ध में जापानी सेना को पीछे हटना पड़ा था और यही एक महत्वपूर्ण मोड़ सिद्ध हुआ।
6 जुलाई 1944 को उन्होंने रंगून रेडियो स्टेशन से महात्मा गांधी के नाम एक प्रसारण जारी किया जिसमें उन्होंने इस निर्णायक युद्ध में विजय के लिए उनका आशीर्वाद और शुभ कामनाएँ मांगी।[4]
नेताजी की मृत्यु को लेकर आज भी विवाद है।[5] जहाँ जापान में प्रतिवर्ष 18 अगस्त को उनका शहीद दिवस धूमधाम से मनाया जाता है वहीं भारत में रहने वाले उनके परिवार के लोगों का आज भी यह मानना है कि सुभाष की मौत 1945 में नहीं हुई। वे उसके बाद रूस में नज़रबन्द थे। यदि ऐसा नहीं है तो भारत सरकार ने उनकी मृत्यु से संबंधित दस्तावेज अब तक सार्वजनिक नहीं किए क्योंकि नेता जी की मृत्यु नहीं हुई थी। [6]
16 जनवरी 2014 (गुरुवार) को कलकत्ता उच्च न्यायालय ने नेता जी के लापता होने के रहस्य से जुड़े खुफिया दस्तावेजों को सार्वजनिक करने की मांग वाली जनहित याचिका पर सुनवाई के लिए विशेष पीठ के गठन का आदेश दिया।[7]
आज़ाद हिन्द सरकार के 75 वर्ष पूर्ण होने पर इतिहास में पहली बार वर्ष 2018 में भारत के प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी ने लाल क़िला पर तिरंगा फहराया। 23 जनवरी 2023 को नेताजी की 126वीं जयंती है जिसे भारत सरकार के निर्णय के तहत पराक्रम दिवस के रूप में मनाया गया ।8 सितम्बर 2022 को नई दिल्ली में राजपथ, जिसका नामकरण कर्तव्यपथ किया गया है , पर नेताजी की विशाल प्रतिमा का अनावरण किया गया ।
इसी संदर्भ में आज प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के आवाहन पर पूरे देश में जगह जगह उनकी जयंती को पराक्रम दिवस के रूप में मनाया जा रहा है…
ऐसा ही कार्यक्रम जनपद महोबा के तहसील चरखारी के अन्तर्गत आने वाले ग्राम पंचायत कुसरमा में किया गया….
जहाँ पर युवा प्रधान गुलाब सिंह राजपूत की अगुवाई में , विद्यालय परिवार के साथ मिलकर भव्य उत्सव का आयोजन किया गया…
कुसरमा स्थित शहीद अच्छे लाल सक्सेना की समाधि स्थल पर पूजन अर्चना करके विशाल शोभा यात्रा निकाली गई…
वहीं विधायक बृजभूषण राजपूत ने हरी झंडी दिखाकर शोभा यात्रा का शुभारंभ किया…, ;तो वहीं पर ए बी एस ए प्रीती राजपूत ने सभी उपस्थित जनमानस को यातायात संबंधी सड़क सुरक्षा हेतु जागरूक कर सपथ दिलाई…
इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में पधारे विधानसभा चरखारी के विधायक श्रीमान् बृजभूषण राजपूत उर्फ गुड्डू भईया, व उनके अनुज विधायक प्रतिनिधि उदित राजपूत, अन्य अतिथि महेंद्र गुरुदेव (पू्र्व महामंत्री भा ज पा), वर्तमान ब्लॉक प्रमुख सीमा कुशवाहा व पूर्व ब्लॉक प्रमुख निर्भय सिंह जी, सहित अनेकों समाजसेवी उपस्थित रहे…
युवाओं की धड़कन कहे जाने वाले जनप्रतिनिधि बृजभूषण राजपूत ने मां वीणावादिनी को पुष्प अर्पित कर एवं नेता जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं पुष्पांजलि अर्पित कर तथा दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया…
वहीं ब्लॉक प्रमुख सीमा कुशवाहा द्वारा नारी सशक्तिकरण के संदर्भ में अभिभाषण प्रस्तुत किया तो हिन्दू हृदय सम्राट कहे जाने वाले गुड्डू भईया ने जय श्री राम, वन्दे मातरम्, भारत माता की जय, सुभाष चंद्र बोस अमर रहें के नारे लगवाये….
ब्यूरो रिपोर्ट खबर महोबा