महोबा जनपद के कुलपहाड़ तहसील के अंतर्गत ब्लाक पनवाड़ी के पनवाड़ी ग्राम पंचायत में शासन और न्यायालय के निर्देश पर पनवाड़ी के काजीपुरा तालाब पर अवैध रूप से किए गए अतिक्रमण को हटाने में जिला प्रशासन एवं ग्राम प्रधान संजय द्विवेदी के द्वारा गरीब ग्रामीणों के साथ अन्याय किया जा र बीबीहा है। जिससे ग्रामीणों में आक्रोश बना हुआ है जागरूक पीड़ित लोगों के द्वारा उच्च अधिकारियों से निष्पक्ष तरीके से अतिक्रमण हटवाने की गुहार लगाई है।
बता दें कि उच्च न्यायालय के निर्देशों पर तालाबों के तट से अवैध अतिक्रमण हटाए जाने के लिए दिए गए सख्त निर्देशों के क्रम में कछुआ पनवाड़ी के काजीपुरा तालाब के तट से अतिक्रमण हटाने का काम तो शुरू किया गया है लेकिन इस मत्स्य विभाग के सुरक्षित तालाब के अतिक्रमण हटाने में भेदभाव पूर्ण कार्य शैली अपनाई जा रही है
अतिक्रमण की चपेट में आने वाले लोगों के द्वारा बताया गया कि तालाब की जमीन का सीमांकन किए बगैर ही प्रशासन के कुछ लोगों के द्वारा मनमाने तरीके से अतिक्रमण हटाया जा रहा है
पहले ग्राम पंचायत के पंचायत भवन में अधिकारियों एवं मकान स्वामियों के साथ की गई बैठक में सभी के मकान एक सीध में गिराने की सहमति तैयार की गई थी जिसमें 20 फीट की सहमति बनाई गई थी उसी क्रम में गरीब लोगों के मकान भी गिराए गए लेकिन अब कुछ प्रभावशाली लोगों के मकान आते ही ग्राम पंचायत के द्वारा रोड बनाए जाने का मार्ग बदल दिया गया और तालाब में मिट्टी डालकर सीमांकन क्षेत्रफल को कम करते हुए प्रभावशाली लोगों के अतिक्रमण हटाने की वजह उन्हें संरक्षण प्रदान किया जा रहा है
पीड़ित परिवारों की महिलाओं लड़कियों एवं वृद्ध जनों के द्वारा जिला मजिस्ट्रेट से मांग की है कि तालाब का अतिक्रमण या तो पूर्ण रूप से हटाया जाए अन्यथा सभी का बराबर हटाया जाए इसी के साथ तालाब से अतिक्रमण हटाए जाने का काम किसी सक्षम अधिकारी की मौजूदगी में किया जाए उन्होंने सवाल खड़े ही किए हैं कि अतिक्रमण तालाब को अतिक्रमण से मुक्त करने के लिए एवं उसका क्षेत्रफल सुरक्षित करने के लिए हटाया जा रहा है ना कि तालाब के अस्तित्व को नष्ट करने के लिए इतना ही नहीं ऐतिहासिक परंपराओं के तहत पूजा अर्चना करने वाले एक सीताराम जायसवाल के दरवाजे के सामने स्थित कुआं को भी फोड़ दिया गया एवं उसे मिट्टी से पूर दिया गया वही कुछ प्रधान के चाहे थे लोगों को अतिक्रमण करने के लिए छूट दी जा रही है कुछ लोगों ने तो चेतावनी दी है कि यदि तालाब से निष्पक्ष तरीके से अतिक्रमण नहीं हटाया जाता है तो वह न्यायालय में कोर्ट के आदेश की अवमानना करने का मामला दर्ज कराएंगे