महोबा, बुंदेलखंड: जिले के कबरी विकास खंड की ग्राम पंचायत चांदो के ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से नसबंदी के दौरान आवंटित किए गए पट्टों को बहाल रखने की मांग की है। ग्रामीणों का कहना है कि उन्हें वर्ष 1980 में नसबंदी कराने के बदले पट्टे आवंटित किए गए थे, लेकिन अब प्रशासन द्वारा उन्हें अवैधानिक बताते हुए निरस्त करने की चेतावनी दी जा रही है। इस प्रक्रिया से परेशान ग्रामीणों ने जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचकर अपनी आपत्ति दर्ज कराई।

पट्टा धारकों में चिंता, प्रशासन ने दी सफाई जिलाधिकारी को सौंपे गए शिकायती पत्र में ग्रामीण रामचरण सिंह, काशी प्रसाद, तिजवा, रतन, नाथूराम, गोविंद सहित अन्य लोगों ने बताया कि उन्हें 1980 में सरकारी आदेश के तहत पट्टे आवंटित किए गए थे। अब अपर जिलाधिकारी द्वारा जारी नोटिस में इन पट्टों को अवैध बताते हुए निरस्त करने की चेतावनी दी गई है। प्रशासन का कहना है कि यह पट्टे चारागाह भूमि में दिए गए हैं, जिसके कारण इन्हें निरस्त किया जा रहा है।
ग्रामीणों की अपील – पट्टा बहाल रखा जाए ग्रामीणों का तर्क है कि यह पट्टे राजस्व और अन्य सरकारी कर्मचारियों की रिपोर्ट के आधार पर आवंटित किए गए थे, इसलिए इन्हें अवैध बताना उचित नहीं है। ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि उनके पट्टों को बहाल रखा जाए और यदि कोई अन्य वैकल्पिक व्यवस्था संभव नहीं है, तो कम से कम उन्हें इसके बदले कोई मुआवजा दिया जाए।
किसानों का जीवन प्रभावित करीब 17 किसानों को प्रति व्यक्ति एक एकड़ भूमि का पट्टा दिया गया था, जिससे वे वर्षों से अपनी जीविका चला रहे हैं। अब यदि यह पट्टे निरस्त होते हैं, तो उनका जीवनयापन संकट में पड़ सकता है। किसानों का कहना है कि यदि प्रशासन को इस भूमि को सुरक्षित रखना है तो उसे किसी भी प्रकार के निर्माण या अधिग्रहण से मुक्त रखा जाए, ताकि वे पहले की तरह खेती कर सकें और अपनी रोजी-रोटी चला सकें।
आगे की कार्रवाई पर टिकी नजरें इस मामले को लेकर ग्रामीणों में काफी आक्रोश है और उन्होंने प्रशासन से अपनी मांगों को गंभीरता से लेने की अपील की है। अब देखना होगा कि जिला प्रशासन इस विषय पर क्या निर्णय लेता है और क्या किसानों को उनके पट्टों पर फिर से अधिकार मिलता है या नहीं।