ब्रम्हाकुमारी ईश्वरी विश्वविद्यालय महोबा द्वारा किया गया धार्मिक सम्मेलन का आयोजन

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एक ईश्वर विश्व एक परिवार धार्मिक सम्मेलन का सार्थक आयोजन हुआ
दया धर्म का मूल है,प्रेम और करुणा मानव जीवन का सार है *राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी दुर्गेश नंदिनी,*

*आजादी के अमृत महोत्सव से स्वर्णिम भारत की ओर कार्यक्रम के अंतर्गत ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय महोबा के राठ रोड स्थित नवनिर्मित भवन में “एक ईश्वर विश्व एक परिवार” विषय पर धार्मिक सम्मेलन का सार्थक एवम सफल आयोजन हुआ।

आयोजन में मुख्य वक्तव्य देते हुए तीर्थ स्थली चित्रकूटधाम से पधारी राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी दुर्गेश नंदिनी जी ने कहा कि संसार के सभी धर्मों का मूल दया है और प्रेम तथा करुणा मानव जीवन का सार है।

ब्रह्मकुमारी संस्थान इस वर्ष को “दया और करुणा से स्वर्णिम भारत की ओर” इसी मुख्य थीम के रूप में मना रहा है ।

अभिप्राय यह है कि जब संसार के हर मानव में दया और करुणा का भाव जागृत होगा,आपसी प्रेम और भाईचारा होगा, तभी सारा विश्व परिवार के रूप में दिखाई देगा तथा हमारा “हिन्दू ,मुस्लिम, सिख, ईसाई सब हैं आपस में भाई भाई”का नारा सार्थक होगा।

उन्होंने कहा विश्व एकता तभी होगी जब छल,कपट,ईर्ष्या,द्वेष,घृणा भाव और दूसरों के अवगुण देखना छोड़ कर हम अपना जीवन गुण ग्राही एवम पारदर्शी बनाएंगे।

नगर गुरुद्वारे के ग्रंथी , भ्राता सतपाल सिंह जी ने एक भजन के माध्यम से कहा कि परमात्मा में मन को लगाने से ही मन निर्मल होगा। हम सब एक महा ज्योति परमात्मा की रचना हैं ,उसके सुमिरन से हमारी और सबकी आत्माओं के दीपक जग जायेंगे।

नगर काज़ी, कारी आफाक हुसैन जी ने कहा कि सबकी उत्पत्ति एक ही पाक परवरदिगार खुदा से हुई है,आपसी मतभेदों और झगड़ों को छोड़कर हमें रूहानी प्रेम और धार्मिक सद्भावना के साथ रहना चाहिए। अंत में उन्होंने ब्रह्माकुमारी बहनों द्वारा किए जा रहे आध्यात्मिक जागृति से विश्व एकता लाने के प्रयास की हृदय से सराहना की।

महोबा चर्च के पादरी भ्राता .

राजेंद्र नथनियल ने एक संस्मरण सुनाते हुए कहा कि मैं वर्ष 1977 में ब्रह्माकुमारी संस्थान के केंद्र को चर्च समझ कर चला गया था, क्योंकि वहां एक चित्र में ईसा मसीह की तस्वीर बनी थी और तभी मुझे ज्ञात हुआ कि ब्रह्माकुमारी संस्थान की बहने समस्त धर्मों का एक समान आदर करती हैं।वे वास्तव में विश्व को एक परिवार बनाने का कार्य कर रही हैं।

शिक्षक एवम कथा वाचक भ्राता जग प्रसाद तिवारी ने भी सभी पूजा पद्धतियों और धर्मों का सम्मान करने की बात कही।

समाज सेविका ,बहन नेहा जी ने कहा कि मैं भेदभाव से परे सर्व धर्मों का एक जैसा सम्मान करती हूं और मेरा सभी विभिन्न धर्म व मत के गुरु जनों से यही आग्रह है कि हम कभी आपस मेरा ईश्वर या तेरा खुदा यह अंतर न करें ,सदैव आपसी प्रेम और सद्भावना बनाएं रखें, तभी समाज में शांति व एकता रहेगी।

कार्यक्रम का संचालन ब्रह्माकुमारी रागनी बहन ने किया।स्वागत भाषण बी के जयंती बहन तथा बी के सुदामा बहन ने संस्था का परिचय दिया। चरखारी से पधारी ब्रह्माकुमारी जयदेवी बहन ने राजयोग अनुभूति कराई ।

कार्यक्रम के अंत में सभी धर्म गुरुओं ,संतों एवम समाज सेवियों का अंग वस्त्र ओढ़ा कर सम्मान किया गया तथा ईश्वरीय साहित्य व प्रसाद वितरण किया गया।
ब्यूरो रिपोर्ट खबर महोबा
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