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रेलवे भर्ती घोटाला: मनीष मीणा की कहानी से खुला बड़ा घोटाला

राजस्थान के कोटा से सामने आए एक चौंकाने वाले मामले में रेलवे भर्ती प्रक्रिया में धांधली और भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच तेज हो गई है। यह मामला एक व्यक्ति मनीष मीणा की शिकायत से शुरू हुआ, जिसने दावा किया कि उसने अपनी पत्नी सपना मीणा को रेलवे में नौकरी दिलाने के लिए ₹15 लाख खर्च किए। लेकिन नौकरी मिलते ही सपना उसे यह कहकर छोड़ गई कि वह बेरोजगार है।

मनीष की शिकायत से सामने आया कि रेलवे भर्ती में डमी कैंडिडेट्स (फर्जी परीक्षार्थियों) का इस्तेमाल किया गया था, जो असल अभ्यर्थी की जगह परीक्षा देकर उन्हें गैरकानूनी तरीके से नौकरी दिलवाते थे। इस घोटाले में रेलवे के कुछ अधिकारी, दलाल और अन्य कर्मचारी भी शामिल बताए जा रहे हैं।

कैसे हुआ घोटाले का खुलासा?

मनीष ने सरकारी अधिकारियों और रेलवे विजिलेंस टीम को इस घोटाले की शिकायत दी। प्रारंभिक जांच के बाद यह मामला सीबीआई तक पहुंच गया और अब पूरे भर्ती घोटाले की गहराई से जांच हो रही है।

क्या है पूरा मामला?

  1. नौकरी के लिए रिश्वत और डमी कैंडिडेट का इस्तेमाल
    • मनीष ने अपनी पत्नी सपना मीणा को सरकारी नौकरी दिलाने के लिए 15 लाख रुपये दिए।
    • यह रकम सपना के मौसा चेतराम और राजेंद्र नाम के रेलवे गार्ड के जरिए दलालों तक पहुंचाई गई।
    • डमी कैंडिडेट लक्ष्मी मीणा ने सपना की जगह परीक्षा दी और शारीरिक परीक्षण भी पास कर लिया।
    • इसके बाद सपना को रेलवे में प्वाइंट्स वूमन की नौकरी मिल गई।
  2. नौकरी मिलते ही पत्नी ने छोड़ा
    • सपना ने नौकरी मिलने के महज 5 महीने बाद मनीष को यह कहते हुए छोड़ दिया कि वह बेरोजगार है।
    • मनीष का आरोप है कि सपना के परिवार ने भी उसका समर्थन नहीं किया और कहा कि वह अब उनके लिए महत्वहीन हो गया है।
  3. सीबीआई जांच और बड़े खुलासे
    • रेलवे विजिलेंस विभाग ने शुरुआती जांच में पाया कि भर्ती प्रक्रिया में फर्जी अभ्यर्थियों का इस्तेमाल किया गया था
    • सीबीआई की जांच में सामने आया कि केवल सपना ही नहीं बल्कि कई अन्य उम्मीदवारों ने भी इसी तरह से नौकरियां हासिल की थीं
    • इस मामले में रेलवे गार्ड राजेंद्र, सपना मीणा, लक्ष्मी मीणा और अन्य अज्ञात रेलवे अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।
    • लक्ष्मी मीणा, जो दिल्ली पुलिस में कांस्टेबल के पद पर भर्ती हुई थी, ने सपना मीणा की जगह परीक्षा दी थी।
  4. बड़े अधिकारियों पर आरोप
    • मनीष का कहना है कि यह घोटाला केवल कुछ छोटे कर्मचारियों तक सीमित नहीं है, बल्कि रेलवे के बड़े अधिकारी भी इसमें शामिल हैं
    • उनका आरोप है कि जबलपुर रेलवे हेडक्वार्टर में बैठे अधिकारी इस पूरे रैकेट को चला रहे थे
  5. अन्य पीड़ितों के सामने आने की संभावना
    • मनीष का दावा है कि यह घोटाला केवल सपना तक सीमित नहीं है
    • कोटा डिवीजन में कम से कम 30-35 लोग इसी तरह से रेलवे में अवैध रूप से भर्ती हुए हैं
    • इस मामले की गहराई से जांच होने पर और भी बड़े नाम सामने आ सकते हैं

क्या इस घोटाले पर कार्रवाई होगी?

अब सवाल यह उठता है कि रेलवे भर्ती में हुई इस धांधली में सिर्फ छोटे कर्मचारियों पर कार्रवाई होगी या असली मास्टरमाइंड्स भी पकड़े जाएंगे?

  • लाखों युवा कड़ी मेहनत करके सरकारी नौकरियों के लिए परीक्षा देते हैं, लेकिन ऐसे भ्रष्टाचार ईमानदार उम्मीदवारों के हक को छीन लेते हैं
  • क्या रेलवे के बड़े अधिकारियों तक जांच पहुंचेगी?
  • क्या सरकारी नौकरी में भर्ती प्रक्रिया को और पारदर्शी बनाया जाएगा?

सीबीआई की जांच जारी है, लेकिन इस घोटाले से पूरे सिस्टम में गहरे भ्रष्टाचार का संकेत मिलता है। अब देखना यह होगा कि क्या सच में दोषियों को सजा मिलती है या यह मामला भी समय के साथ ठंडा पड़ जाता है।

आपका क्या सोचना है? क्या भर्ती घोटाले को जड़ से खत्म करने के लिए और सख्त कदम उठाने की जरूरत है?

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